पॉलिसी लेकर फंसना मत- Life insurance dark sales tactics.

पॉलिसी लेकर फंसना मत Life insurance dark sales tactics.

Life insurance dark sales tactics.




 अगर हम इंडिया में पॉलिसी की बात करें तो काफी लोगों के पास पॉलिसीस का गट्टा पडा होता है। किसी के पास एक भी नहीं होता है तो किसी के पास बहुत ज्यादा क्वांटिटी policies ऐसे ही घर में पड़े रहते हैं। क्योंकि हमारे घर में ऐसा कोई ना कोई पॉलिसी एजेंट हमेशा रहता है जो हर साल कुछ ना कुछ रीजन निकाल के हमें डरा फुसला कर हमें पॉलिसी चिपका देता है , और हम वह फ्यूचर में काम आएगी यह सोचकर लेते भी है। और साल भर साल बढ़ती इन पॉलिसी का ढेर जरूरत पड़ने पर काम नहीं आता। तो आज हम जानेंगे कि कैसे आप सब लोगों को इंश्योरेंस खरीद–खरीद के इन कंपनी के एजेंट द्वारा बेवकूफ बनाया जाता है। कैसे आपके इमोशंस का फायदा उठाया जा रहा है ,और आपको यह भी बताएंगे कि कैसे इस सारी झंझट से बाहर निकलना है।

       दुनिया का कोई भी प्रॉब्लम हो एजेंट आकर आपसे हमेशा कहेगा नई पॉलिसी आई है ले लो। घर पर आएंगे आपकी प्रॉब्लम को समझेंगे उसमें शामिल होंगे, और जहां पर भी थोड़ा सा मौका मिला वह सॉल्यूशन के रूप में आपको पॉलिसी चिपका देंगे। ऐसा हम सब के घरों में या तो हुआ है ,या फिर हो रहा है।


how to avoid policies agent (पॉलिसी लेने से बचने का तरीका क्या है?):


जो हम आपको तरीका बताने जा रहे हैं वह सिर्फ इन पॉलिसीज  में ही नहीं बल्कि यह पूरी finance  सेक्टर में आपको बचा लेगा। इसका एक सिंपल सा थंब रूल है। कुछ ऐसा नया और फैंसी सा है, जो की मिक्स और मैच करके दिखाया जा रहा है तो उससे दूर रहो। क्योंकि वहां पर आप उनके चंगुल में फंस सकते हो।


फाइनेंस में इनोवेशन से हमेशा दूर रहना। अगर ट्रांजैक्शन करना है तो सिंपल डेबिट कार्ड सिंपल क्रेडिट कार्ड का यूज करना। इन दोनों को जो मिक्स करता है जिसमें बताया जाता है कि buy now, Pay later, aur Kai sare schemes of RBI. इन सभी से दूर रहो तो ही अच्छा है।



यह सच है कि term insurance and health insurance आपको जरूरत के वक्त विनाश काल से बचा सकता है। लेकिन जब जरूरत से ज्यादा उन पॉलिसीज को खरीदना आपके लिए विनाशकारी भी हो सकता है।

     कई परिवार इस एश्योरेंस के जाल में आकर जिनका सालाना की पैदावार कम होकर भी उनको इंश्योरेंस की पॉलिसी थोप दी जाती है, और बाद में उन्हें सालाना 50000 तक रुपए का प्रीमियम भरना पड़ता है जब तक वह पॉलिसी खत्म नहीं हो जाती इन सारी चीजों में वह पूरा परिवार financially बरबाद हो जाता है। इसीलिए इंश्योरेंस दो ढाई तलवार होती है, आपके लिए भी और आपके खिलाफ भी।


कैसे इंश्योरेंस आपके लिए काम करेगा?


कभी भी आपको इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट को मिक्स नहीं करना।

उदाहरण:(dummy policies)

मानो आपका एक बच्चा है। उसके हायर एजुकेशन के लिए आपको पैसे की बचत करनी है तो पॉलिसी वाला आपके पास आएगा आपको बताया कि आपके बच्चे की हायर एजुकेशन 12 साल बाद है,तो यह पॉलिसी आपके लिए है, इसमें आपको 12 साल तक एक लाख रुपये प्रीमियम देना होगा जो कि आपका कुल मिलाकर 12लाख होगा लेकिन  कंपनी के मार्फत आपको १८ लख रुपए दिए जाएंगे। आपका प्रीमियम 50% बढ़ाना  और आपने जो भी प्रीमियम अदा किया है उसमें आपके बच्चे का जीवन बीमा भी हो जाएगा। ऐसे में देखा जाए तो यह पॉलिसी ऊपर से अच्छी दिखाई देती है, लेकिन अगर कैलकुलेट करने को बैठे तो यह पता चलता है।  

सालाना अगर इसे कैलकुलेट किया जाए परसेंटेज में तो आपको पता है कि इसका कितना मिलेगा सालाना 2.5-3% जो की सालाना सेविंग बैंक की इंटरेस्ट से भी कम है।

     और अगर आज उस पॉलिसी की प्राइस 18 लाख है तो आने वाले 12 साल में उसे 18 लाख की कीमत आधी हो जाएगी क्योंकि इन्फ्लेशन रेट बढ़ेगा और करेंसी की वैल्यू  घट जाएगी।


ऊपर दिए गए उदाहरण से हमें कौन सी चीज सीखनी चाहिए:


हर 12 साल में इन्फ्लेशन रेट बढ़ने के कारण रुपीस की वैल्यू आदि हो जाती है।


अगर साल भर का इंटरेस्ट कैलकुलेट करें तो वह ढाई परसेंट से लेकर 3% से तक आएगा जो की सेविंग अकाउंट में आने वाले इंटरेस्ट से बहुत ही कम है।


आने वाले समय में जिस वजह से हमने उसे पॉलिसी को खरीदा था उसकी प्राइस भी इन्फ्लेमेशन रेट बढ़ाने की वजह से दोगुनी हो जाएगी।


यही पैसा अगर आप म्युचुअल फंड में लगाते तो आपको 12% का इंटरेस्ट रेट मिलता ।


अगर वह ₹100000 आप सालाना प्रीमियम नहीं देकर उसे इस प्रकार से डिवाइड करते तो आपको कुछ ऐसा मिलता।


Insurance policy

Mutual fund SIP

10000/year 

90000/year

1 cr insurance 

25 lakh


इसीलिए मैं आपको कह रहा हूं आपको सिंपल लेना है । टर्म प्लान जो कि आपको सारी मुश्किलो को मिटा सकता है,और आजकल इन प्लांन को कंपेयर करने बहुत ही आसान हुआ है, ऑनलाइन पर बहुत सारे प्लेटफार्म अवेलेबल है जिनके जरिए आप आपकी पॉलिसी को कंपेयर कर सकते हो। इनमें से पॉलिसी बाजार (policy bazaar) यह एक अच्छा प्लेटफार्म है , जहां पर आप 20 से भी ज्यादा पॉलिसीज को कंपेयर कर सकते हैं और खुद चुन सकते हैं सटीक पॉलिसी। (यह कोई पेड़ एडवर्टाइजमेंट नहीं है)


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