दिल्ली से अलवर और पानीपत के लिए रैपिड रेल कॉरिडोर: क्या है योजना, कितना होगा किराया, और कब शुरू होगी सेवा?

  दिल्ली से अलवर और पानीपत के लिए रैपिड रेल कॉरिडोर: क्या है योजना, कितना होगा किराया, और कब शुरू होगी सेवा?


RRTS in Delhi,
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परिचय:


दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर के सफल परीक्षण के बाद, भारत सरकार अब दिल्ली से अलवर और पानीपत के लिए दो नए रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण की योजना बना रही है। इन दोनों कॉरिडोर की कुल लागत 91,000 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है।


दिल्ली से अलवर रैपिड रेल कॉरिडोर:


दिल्ली से अलवर रैपिड रेल कॉरिडोर की लंबाई 106 किलोमीटर होगी। यह कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होकर राजस्थान के अलवर जिले के बहरोड़ तक जाएगा। इस कॉरिडोर पर कुल 16 स्टेशन होंगे, जिनमें से 2 अंडरग्राउंड और बाकी एलिवेटेड होंगे।


दिल्ली से पानीपत रैपिड रेल कॉरिडोर:


दिल्ली से पानीपत रैपिड रेल कॉरिडोर की लंबाई 103 किलोमीटर होगी। यह कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होकर हरियाणा के पानीपत जिले के पानीपत नॉर्थ तक जाएगा। इस कॉरिडोर पर कुल 16 स्टेशन होंगे, जिनमें से 2 अंडरग्राउंड और बाकी एलिवेटेड होंगे।


किराया कितना हो सकता है।


दोनों कॉरिडोर पर रैपिड रेल का किराया मेट्रो की तरह ही होगा। स्टैंडर्ड क्लास के लिए किराया 20 रुपये से शुरू होगा, जबकि प्रीमियम क्लास के लिए किराया 40 रुपये से शुरू होगा।

रैपिड रेल का नाम "नमो भारत" रखा गया है।


रैपिड रेल का महत्व

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल दिल्ली और मेरठ के बीच आवागमन को आसान और सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इससे लोगों को सड़क पर घंटों जाम में फंसे रहने से मुक्ति मिलेगी। साथ ही, यह प्रदूषण और जाम कम करने में भी मदद करेगी।


रैपिड रेल से क्या होंगे फायदे?


दिल्ली से मेरठ की दूरी अब सिर्फ 12 मिनट में तय की जा सकेगी.

सड़क पर जाम की समस्या से निजात मिलेगी.

प्रदूषण कम होगा.

यात्रियों को आरामदायक और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा


किन सुविधाओं से लैस है ट्रेन?


ट्रेन में आरामदायक सीटों को फिट किया गया है. बड़ी खिड़कियों के अलावा यात्रियों के लिए खड़े होकर सफर करने के लिए भी अच्छी खासी जगह दी गई है. सामान रखने की सुविधा भी यात्रियों को दी गई है. इसके अलावा यात्री अपना लैपटॉप/मोबाइल चार्ज भी कर पाएंगे. मैप का ऑप्शन भी दिया गया है. ट्रेन में एक बार में 1700 यात्रियों के सफर की सुविधा है. प्रीमियम कोच में रिक्लाइनिंग सीट, कोट हुक, मैगजीन होल्डर और फुटरेस्ट जैसी सुविधाएं हैं.


इस सुविधा की शरूआत कब होगी:


दोनों कॉरिडोर के निर्माण का काम अभी शुरू नहीं हुआ है। दिल्ली से अलवर रैपिड रेल कॉरिडोर का निर्माण 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है, जबकि दिल्ली से पानीपत रैपिड रेल कॉरिडोर का निर्माण 2028 तक पूरा होने की उम्मीद है।


दिल्ली मै बने इस प्रोजेक्ट का क्या प्रभाव रहेगा :


दोनों कॉरिडोर के निर्माण से दिल्ली-अलवर और दिल्ली-पानीपत के बीच की यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। वर्तमान में, दिल्ली से अलवर जाने में लगभग 3 घंटे लगते हैं, जबकि दिल्ली से पानीपत जाने में लगभग 2.5 घंटे लगते हैं। रैपिड रेल के शुरू होने के बाद, दोनों शहरों के बीच की यात्रा का समय 1 घंटे से भी कम हो जाएगा।


इन दोनों कॉरिडोर के निर्माण से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में यातायात का दबाव भी कम होगा। रैपिड रेल से यात्रियों को बसों और ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी।


निष्कर्ष:


दिल्ली से अलवर और दिल्ली से पानीपत के लिए रैपिड रेल कॉरिडोर एक महत्वपूर्ण परियोजना है। इन दोनों कॉरिडोर के निर्माण से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में यातायात के दबाव को कम करने और लोगों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने में मदद मिलेगी।


















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