पुणे चाकन परिसर में फूल रही है ड्रैगन फल की खेती। अगर इस तरीके को अपनाएंगे तो आप भी हो सकते हैं मालामाल।

 पुणे चाकन परिसर में फूल रही है ड्रैगन फल की खेती। अगर इस तरीके को अपनाएंगे तो आप भी हो सकते हैं मालामाल।

Dragon fruit farming in pune
Dragon fruit farming



जैविक खेती का अच्छा अवसर पाकर पुणे के चाकन परिसर में रहने वाले सुरेश परदेसी नामक किसान ने अपनी 11 गुंटे जमीन पर परदेस में महंगी बिकने वाली और भारत में आजकल जीस फ्रूट की ज्यादा से ज्यादा चर्चाएं हो रही है उस ड्रैगन फ्रूट की खेती की है।


पुणे (चाकन): आजकल के युवाओं की खेती में चाहत बढ़ रही है जिसकी वजह से खेती में नई क्रांति करने में मदद स्थापित होगी जहां पर एक तरफ इमारत का साम्राज्य निर्माण हो रहा है, और बेरोजगारी की संख्या  प्रतिदिन  बढ़ते जा रही है इसी वजह से पुणे के रहने वाले सुरेश परदेसी इस किसान ने खेती करने की ठान ली, अब खेती किस बात की की जाए यह बड़ा सवाल उनके मन में था उसके बाद में उसने काफी रिसर्च की और बाद में उन्हें पता चला कि हम परदेस में लिए जाने वाले ड्रैगन फ्रूट की पैदावार कर सकते हैं जिसकी वजह से भारी मात्रा में मुनाफा हो और खेती करने का आनंद भी आने लगे।

Dragon fruit के बारे में जानकारी:

पिछले कुछ सालों से ड्रैगन फ्रूट को लोगों में बड़ी मात्रा में पसंदी मिली है, लो कैलोरीज होने की वजह से और ज्यादा मात्रा में न्यूट्रिशन होने की वजह से उसके लोगों की तरफ से बहुत ज्यादा पसंद किया जा रहा है। अजीब साइज के होने के बावजूद लोगों के मन में उसकी टेस्ट की वजह से लोगों में वह ज्यादा पसंद है। ड्रैगन फ्रूट में ज्यादा मात्रा में फाइबर और मैग्नीशियम होता है। बाहर का भाग अलग दिखता होगा लेकिन उसके अंदर सफेद फ्लैश पार्ट होता है वह  टैस्ट में बाकी फलों जैसा ही लगता है।


ड्रैगन फ्रूट मेक्सिको और मध्य अमेरिका का मूल निवासी एक उष्णकटिबंधीय फल है। ड्रैगन फ्रूट के फूल रात में खुलते हैं। इसका स्वाद कीवी और नाशपाती के मिश्रण जैसा होता है।

सक्सेस के पीछे असली मेहनत:

उनके पास जो पुष्टिली 11 गूंटे जमीन थी वहां पर उन्होंने ड्रैगन फ्रूट की खेती करने का निर्णय लिया और 2 साल पहले उन्होंने इस जगह पर ड्रैगन फ्रूट के 600 पौधों का रोपण किया। उसकी अच्छी तरह से देखभाल की, पौधों को पानी देने के लिए उन्होंने ठिबक सिंचन का सहारा लिया। जंगली जानवरों के उपद्रव  से बचने के लिए उन्होंने खेत में 150 पोल लगाए और उसे तारों से बांध दिया ताकि पेड़ों का संरक्षण हो सके। 2 साल पहले लगाए हुए पौधे आज बड़े हुए हैं और फल देने में सक्षम है जिसकी वजह से इस साल उन्होंने 1 टन का उत्पादन लिया जिसमें उन्हें  प्रति किलो 120 रुपए भाव मिला।

शुरुआत में उन्हें प्रति गुंठा 130000 रुपए का खर्चा आया था। इस साल की पैदावार में अगले साल डेढ़ या 2 टन फलों का हार्वेस्टिंग हो सकता है ऐसा उनका मानना है। चाकन में रहने वाले सुरेश परदेसी एक प्रसिद्ध किसान है। जिन्होंने अपने खेत में कुछ नया ट्राई करने की कोशिश की और कड़ी मेहनत और लगन से वह उसमें सफल रहे।


ड्रैगन फ्रूट को बाजार में अच्छी  मार्केट वैल्यू होने की वजह से परदेसी ने सुरेश परदेसी ने अपनी खेत में इसे लगाने का ट्राई किया और उसमें वह सफल हुए। उनके खेत के क्षेत्र में पानी की कमी होने की वजह से उन्होंने ड्रैगन फ्रूट लगाने का चांस लिया था।


ड्रैगन फ्रूट के फूलों को बड़ी मात्रा में मधुमक्खी आने की वजह से उसका पोलिनेशन अच्छी तरह से होता है और फलों की पैदावार अच्छी हो पाती है। इसीलिए मधुमक्खी पालन करने का भी विचार सुरेश परदेसी का है। यानी एक प्रोडक्ट में दुगना फायदा हो सकता है।

सुरेश परदेसी 


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