Armed Forces Flag Day 2023: history, celebration और बहुत कुछ।

 Armed Forces Flag Day 2023: history, celebration और बहुत कुछ।

Armed Forces Flag Day 2023
Armed Forces Flag Day 2023




सशस्त्र सेना झंडा दिवस भारत की तीन सशस्त्र सेनाओं अर्थात् थल सेना, नौसेना और वायु सेना के सम्मान के लिए समर्पित है।


 सशस्त्र सेना दिवस जो हर साल 7 दिसंबर को मनाया जाता है। 1949 में इस दिन को मनाने की मंजूरी दी गई। इसलिए यह दिन हर साल 7 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन हमारी सीमाओं की रक्षा करने वाले सैनिकों, भारत माता के लिए दुश्मन से लड़ते हुए अपनी जान गंवाने वाले बहादुर सैनिकों और वर्दी के सभी बहादुर लोगों को समर्पित है। यह दिन उन नायकों के लिए मनाया जाता है जिन्होंने बहादुरी से अपनी राष्ट्रीय भूमि की रक्षा की और राष्ट्र के सम्मान की रक्षा की।


 यह दिन न केवल उन वीर सैनिकों के लिए मनाया जाता है जिन्होंने सीमा की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी बल्कि उनके परिवारों के लिए भी मनाया जाता है जिन्होंने इस बलिदान में उनका साथ दिया। इस दिन धनराशी एकत्र कर उन सैनिकों को वितरित किया जाता है जो सीमा की रक्षा करते समय अपंग हो गये थे। प्रोत्साहन उन लोगों को दिया जाता है जिनके सिर से छत चली गयी हो। यह दिन उन वीर जवानों के बलिदान में उनके परिवार द्वारा दिये गये योगदान को समर्पित है।

सशस्त्र सेना ध्वज दिवस का इतिहास:

 भारतीय रक्षा विभाग ने राष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान देने वाले बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए 28 अगस्त 1949 को इस सशस्त्र सेना झंडा दिवस को मान्यता दी। और उस दिन के बाद से हर साल 7 दिसंबर को तीनों सेनाओं यानी थल सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए यह दिन मनाया जाता है।


 नई पीढ़ियों में भारत की सुरक्षा और सैनिकों तथा हमारे राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान जगाने के लिए सशस्त्र सेना ध्वज का वितरण किया जाता है और इससे प्राप्त धनराशि देश के लिए बलिदान देने वाले वीर सैनिकों के परिवारों को दी जाती है। इसमें युद्ध में विकलांग सैनिक, बहादुर महिलाएं और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों के परिवार शामिल हैं।


  सशस्त्र बलों के बैज और झंडे बेचने के लिए सभी लोग एक साथ आते है ताकि भारत के सशस्त्र बलों को हर नागरिक से कुछ मदद मिल सके। हम सभी को यह समझना चाहिए कि उन बैज को खरीदने में खर्च किए गए दो रुपये उन शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि है। यह कार्यक्रम सशस्त्र बलों की उन्नति के लिए धन इकट्ठा करने के लिए आयोजित किया जाता है। देश के लिए बलिदान देने वाले सैनिकों के परिवारों को प्रोत्साहित करने और उन्हें पुनर्वास और उचित मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए यह दिन एक साथ मनाया जाता है।


 जब हम गहरी नींद में सो रहे होते हैं, तब इस सशस्त्र बल के जवान आंखों में तेल डालकर हमारे लिए सीमा की रक्षा कर रहे होते हैं, जब कोई नहीं कह सकता कि कौनसा दुश्मन कहासे हमला कर देगा, लेकिन उनमें उस वार को अपने सीने पर सहने की ताकत होती है। 26/11 मुंबई आतंकी हमले की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए जवान दिन-रात आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं और उनके सभी मंसूबों को नाकाम कर रहे हैं. यह दिन समंदर की तूफ़ानी हवाओं के बीच भी देश की सीमाओं की रक्षा के लिए तत्पर रहने वाले नौसेना के जवानों, साल भर किए गए बलिदानों और देश की रक्षा के लिए सीमाओं पर डटे रहने वाले हमारे वीर जवानों को समर्पित है।


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